सुरत: “नारी तू नारायणी, तू ही दुर्गा तू ही काली, तू ही श्रद्धा तू ही भक्ति! तुम्हें हमारा सत् सत् नमन है|” - लगभग इसी भाव से देवताओं ने महिषासुर का संहार करने के लिए विनय करते हुए देवी दुर्गा पर अपना विश्वास जगाया था, परिणामस्वरूप शक्ति का महिषासुरमर्दिनी स्वरुप जग के समक्ष आया।
ठीक इसी प्रकार की स्तुति अखिल भारतीय स्तर पर 'नारायणी संगम कार्यक्रम ' के रुप में सफलतापूर्वक आयोजित हो रही है ; इसी क्रम में गुजरात के नवसारी विभाग में आधे समाज की सुसुप्त शक्ति जागरण हेतु आगामी महीने अर्थात् ७ जनवरी सन् २०२४ को नवसारी के उन स्थित साई मंदिर के प्राङ्गण में आयोजित होने वाला है जिसका समय प्रातः ९ से दोपहर २ तक का है।
गृह से ग्रह पर अपना लोहा मनवाने वाले आधे समाज में होने वाली कुछ क्षणिक स्थानिक समस्याओं पर विचार-विमर्श करते हुए
नारायणियों के समक्ष करणीय कार्यों पर समीक्षा करने के लिए ही यह कुम्भ मेला अर्थात् नारायणी संगम आयोजित होने जा रहा है ।
अतः एक साथ पाँच जिले की लगभग १५०० की संख्या में भारत माता को विश्व गुरु के पद पर पुनः प्रतिष्ठित करने के लिए मानसिक व शारीरिक भोजन लेने हेतु नारायणियाँ नारायणी संगम में गोते लगाने हेतु आने वाली हैं।
निवेदक
महिला समन्वय नवसारी विभाग